अंबिकापुर में 25 सालों बाद सहायक शिक्षकों का होने वाला था प्रमोशन, काउंसलिंग पर लगी रोक, BJP ने बताया कांग्रेस का दबाव

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The Sootr CG
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अंबिकापुर में 25 सालों बाद सहायक शिक्षकों का होने वाला था प्रमोशन, काउंसलिंग पर लगी रोक, BJP ने बताया कांग्रेस का दबाव

AMBIKAPUR.  करीब 25 सालों बाद सहायक शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ मिलने वाला था। इसके लिए सरगुजा जिले में सहायक शिक्षकों को इंतजार करना पड़ रहा है। हद तो यह कि इसके लिए जारी प्रमोशन और पदस्थापना सूची निरस्त की गई और अब इसके लिए की जाने वाली काउंसलिंग को स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में जहां बीजेपी इसे कांग्रेस के नेताओं का दबाव बता रही है, तो वहीं शिक्षक संघ प्रशासन से जल्द पदोन्नति और पदस्थापना सूची जारी करने की मांग कर रहा है। 



पदस्थापना और पदोन्नति की सूची स्थगित 



दूसरी तरफ, शिक्षा विभाग किसी दबाव की बात से इंकार करते हुए जल्द ही पदोन्नति और पदस्थापना सूची नियम के तहत जारी करने की दलील दे रहा है। दरअसल, सरगुजा जिले में सहायक शिक्षकों को पदोन्नति कर प्रधान पाठक बनाया जाना था। इसके लिए 820 सहायक शिक्षकों की पदोन्नति और पदस्थापना सूची शिक्षा विभाग के द्वारा जारी की गई थी। यह सूची जारी करने के 12 घंटे के भीतर ही शिक्षा विभाग को सूचि निरस्त करनी पड़ी। इसके पीछे जहां कुछ शिक्षकों को ब्लॉक के बाहर स्थानांतरित किए जाने के कारण उनका विरोध बताया गया तो वहीं नेताओं के दबाव को भी इसका कारण बताया जा रहा है। शिक्षा विभाग के द्वारा इसके बाद काउंसलिंग के जरिए पदस्थापना और पदोन्नति की सूची जारी करने की तैयारी की गई मगर यह भी स्थगित कर दी गई है। 



बीजेपी ने बताया कांग्रेस का दबाव



ऐसे में बीजेपी का साफ तौर पर आरोप है कि शिक्षा विभाग कांग्रेसी नेताओं के दबाव में काम कर रहा है। इसके कारण नेताओं की मनमानी चल रही है और शिक्षा विभाग शिक्षकों के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इधर, शिक्षक संघ भी शिक्षा विभाग के द्वारा मनमानी किए जाने का आरोप लगाते हुए जल्द शिक्षकों की पदोन्नति और पदस्थापना सूची जारी करने की मांग कर रहा है। शिक्षक संघ का आरोप है कि सरगुजा संभाग के सभी जिलों में यह प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सिर्फ सरगुजा जिले में ही इसे निरस्त और स्थगित किया जा रहा है, जिससे नुकसान जिले के शिक्षकों को हो रहा है। 



सूची में खामी के कारण निरस्त किया गया



शिक्षा विभाग का कहना है कि पदोन्नति और पदस्थापना सूची में खामी के कारण इसे निरस्त किया गया था। काउंसलिंग की प्रक्रिया भी स्थगित की गई है। हालांकि शिक्षा विभाग किसी दबाव की बात से इंकार करते हुए जल्द ही शिक्षकों की पदस्थापना और पदोन्नति की सूची जारी करने की बात कह रहा है। लेकिन यह साफ है कि जिस तरह से शिक्षा विभाग बैकफुट में नजर आ रहा है, उस पर कहीं ना कहीं किसी न किसी का दबाव साफ नजर आ रहा है।

 


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